रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है, और क्रिसमस के दिन भी यूक्रेन को राहत नहीं मिली। रूस ने 25 दिसंबर को पूर्वी यूक्रेन में 70 से ज्यादा मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन हमले किए, जिनका लक्ष्य यूक्रेन की ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर था। रूस का उद्देश्य यूक्रेन के सैन्य औद्योगिक परिसर को कमजोर करना था, क्योंकि इन फैक्ट्रियों को चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है।
रूस का हमला और उसके प्रभाव
इन हमलों के कारण यूक्रेन के कई इलाकों में ब्लैकआउट हो गया और कई लोग बर्फीली ठंड में बिना बिजली के जीने को मजबूर हो गए। यूक्रेन में सर्दियों के महीनों में तापमान नीचे गिर जाता है, और ऐसे में लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हो गए हैं। रूस के हमले में कम से कम एक नागरिक की मौत की रिपोर्ट है, जबकि कई अन्य लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। यूक्रेनियन लोग इस मुश्किल घड़ी में भी रूस के हमलों के लिए तैयार हैं।
यूक्रेन का शार्प प्रतिक्रिया और राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की ने रूस के इस हमले को ‘अमानवीय’ करार दिया, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यूक्रेन की ओर से रूस पर हाल ही में किए गए हमले का भी इस संघर्ष में योगदान है। ज़ेलेन्स्की ने आरोप लगाया कि रूस ने यूक्रेन पर हमला जारी रखा है, खासकर क्रिसमस के दिन। उन्होंने कहा कि यह हमला रूस के खिलाफ एक और प्रतिशोध था, क्योंकि हाल ही में यूक्रेन ने रूस के कज़ान शहर में ड्रोन हमले किए थे।
यूक्रेन द्वारा रूस पर हमला
कज़ान, रूस का एक प्रमुख शहर है, जहां हाल ही में एक बड़े सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जो रूस के लिए एक बड़े संदेश के रूप में देखा गया था। हालांकि यूक्रेन ने इस हमले की आधिकारिक जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन रूस के खिलाफ यूक्रेन की बढ़ती कार्रवाई को देखकर यह साफ है कि यूक्रेन अब रूस के भीतर सैन्य कार्रवाइयां तेज कर चुका है। यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के एक शीर्ष जनरल को मार डाला और मॉस्को में बम धमाका किया।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति और यूक्रेनी संघर्ष
अब स्थिति यह है कि यूक्रेन के सामने चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। 2024 यूक्रेन के लिए एक कठिन वर्ष साबित हो सकता है, क्योंकि रूस की ओर से हमलों में वृद्धि हो रही है और यूक्रेन अपने मोर्चों पर मजबूती से नहीं टिक पा रहा है। पश्चिमी देशों से मिल रही मदद पर भी संकट आ सकता है, खासकर अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो वे यूक्रेन को मिलने वाली सहायता को कम करने की योजना बना सकते हैं।
यूक्रेन की रणनीतिक स्थिति और भविष्य
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की अब परोक्ष रूप से बातचीत की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक रूस के साथ सीधी बातचीत की बात नहीं की है। उनका कहना है कि वे अब अपने सहयोगियों से दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील कर रहे हैं, ताकि युद्ध को समाप्त करने के लिए एक स्थायी समाधान निकाला जा सके। हालांकि, उनके पास अब रणनीतिक रूप से मजबूत स्थिति नहीं है। न तो उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय जीत हासिल की है, न ही रूस से सुरक्षा की गारंटी मिली है। रूस के लगातार हमले और पश्चिमी मदद में कमी आने की स्थिति में यूक्रेन के लिए भविष्य बेहद असुरक्षित प्रतीत हो रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के इस नए मोड़ में, दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि आम जनता को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। यूक्रेन को रूस के हमलों से बचने और अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और यह संघर्ष जल्दी खत्म होने की कोई संभावना नहीं दिखती ।