हिमाचल प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार बजट को और अधिक जन-केंद्रित बनाने के लिए जनता, उद्योगों, व्यापार और किसान संघों से सुझाव आमंत्रित कर रही है I
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आगामी बजट सत्र 2025 की शुरुआत में होने की संभावना है। इस सत्र के लिए तैयारी तेज हो गई है, और विधानसभा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।विपक्ष ने पहले ही सरकार से कई अहम सवाल उठाए हैं, जिनमें बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की धीमी गति प्रमुख हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने इन मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है, और इन समस्याओं का समाधान करने में असफल रही है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने इस बजट सत्र के बारे में कहा कि सरकार का प्राथमिक उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने विधानसभा सत्र में आर्थिक विकास के लिए नए प्रस्ताव और योजनाओं पर चर्चा करने की बात की है, ताकि राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सके। साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्राथमिकता देने का भरोसा भी जताया है।
विपक्ष के प्रमुख मुद्दे
विपक्ष ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर बहुत कम हो गए हैं, और महंगाई के कारण आम आदमी का जीवन यापन मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति धीमी होने के कारण प्रभावित परिवारों को समय पर मदद नहीं मिल पा रही है, जो चिंता का विषय है।
राज्य के विकास के लिए अहम चर्चा
विधानसभा सत्र में विपक्ष के सवालों के साथ-साथ सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों, युवाओं और बेरोजगारों के लिए योजनाओं की घोषणा कर सकती है, ताकि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें और आम लोगों को राहत मिल सके।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का आगामी बजट सत्र 2025-26 में राज्य की आर्थिक स्थिति और जनता की समस्याओं पर गहन चर्चा हो सकती है। विपक्ष के सवालों और सरकार के प्रस्तावों के बीच यह सत्र राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है