मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन नई योजनाओं और बदलावों का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश को एक प्रगतिशील और समृद्ध राज्य बनाना है।
मुख्य घोषणाएं
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के प्रयास
- दूध योजना: सरकार ने दूध खरीद की कीमत ₹2 बढ़ाकर ₹45 प्रति लीटर कर दी।
- गोबर आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: मक्का और गेहूं जैसी फसलों की सरकारी खरीद पर प्रोत्साहन।
- किसानों के लिए नई तकनीकों और प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन।
- शिक्षा क्षेत्र में सुधार
- कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय।
- शिक्षकों की उपस्थिति और बच्चों की शैक्षिक प्रगति के आधार पर शिक्षक की ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) तैयार होगी।
- नर्सरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए अलग निदेशालय की स्थापना।
- सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही और पारदर्शिता
- नई ACR प्रणाली में शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों की उपलब्धि और अन्य मापदंड शामिल होंगे।
- प्रमोशन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट मापदंड तैयार किए गए।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 80% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध और प्राकृतिक खेती योजनाओं को लागू किया गया है। किसान अब गोबर आधारित प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किए जा रहे हैं, जिसमें उन्हें फसल की अच्छी कीमत दी जाएगी।
शिक्षा के स्तर को सुधारने की योजना
शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने कई कठोर कदम उठाने की घोषणा की। अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और छात्रों की प्रगति का रिकॉर्ड रखा जाएगा। कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।